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Mt Abu – Shipping, Aviation & Tourism Conference Inaugurated at Brahma Kumaris HQ

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माउंट आबू , ज्ञान सरोवर, २० सितम्बर २०१९: आज ज्ञान सरोवर स्थित हार्मनी हॉल में ब्रह्माकुमारीज एवं आर ई आर एफ की भगिनी संस्था, “जहाज रानी – वैमानिकी तथा भ्रमण प्रभाग” के संयुक्त तत्वावधान में एक अखिल भारतीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का विषय था ‘ स्वर्णिम भारत की पुनर्स्थापना के लिए मूल्य ‘ इस सम्मेलन में देश के विभिन्न भागों से बड़ी संख्या में प्रतिनिधिओं ने भाग लिया। दीप प्रज्वलन के द्वारा इस सम्मेलन का उद्घाटन सम्पन्न हुआ . 
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि एयर इंडिया दिल्ली में डायरेक्टर पर्सनल अमृता शरण ने कहा की ब्रह्मा कुमारीस में हमें कुछ भी कहने की नहीं बल्कि सुनने की जरूरत है। यहां की सकारात्म ऊर्जा सशक्ति करण करने वाली है।
प्राचीन भारत के मूल्य हमें मंदिरों में नज़र आता है।  यह प्रश्न विचारणीय है की हम आज के भारत को प्राचीन भारत जैसा कैसे बनाएं ? यह संभव है।  मगर उसके लिए हमें अपनी प्राचीन संस्कृति से जुड़ना होगा।  
 
ज्ञान सरोवर अकादमी की निदेशक राजयोगिनी डॉक्टर निर्मला दीदी ने अपना आशीर्वचन सम्मेलन को दिया।  आपने कहा की राम राज्य भारत में था।  गाँधी जी चाहते थे की फिर से राम राज्य भारत में आये। मगर  आज का दौर विकट है।  इससे मुक्ति के लिए आध्यात्मिक शक्ति से जीवन में मूल्य ला सकते हैं।  परम पिता परमात्मा के नेतृत्व में  भारत में एक बार फिर से स्वर्णिम युग आएगा।  उसके लिए जीवन में मूल्यों को धारण करना होगा।  भ्र्ष्टाचार  को भगाना होगा।  अपनी धरोहरों के कारण आज भी भारत महत्वपूर्ण है।  वह भारत कितन उत्तम रहा होगा? आध्यात्मिकता के द्वारा जीवन को मूल्यवान बनाना जरूरी है।
 
जहाज रानी – वैमानिकी तथा भ्रमण प्रभाग की उपाध्यक्षा राजयोगिनी मीरा दीदी ने सम्मेलन को इन शब्दों में सम्बोधित किया।  आपने कहा की भारत का गौरव हमेशा से ही स्थापित रहा है।  अनेक विदेशी बुद्धिजीवी भी ऐसा मानते हैं।  हर प्रकार से भरपूर था भारत।  प्रकृति समृद्ध थी , पशु पंछी भी स्वस्थ और सुखी थे।  यह देविओं और देवताओं का समय था। आज हम एक बार फिर से वैसा ही भारत बनाना चाहते हैं।  मूल्यों को संजो कर फिर से वैसा भारत बनाया जा सकता है।  मूल्य हमारा मित्र है जो हमेशा हमें प्रसन्नता प्रदान करता है। मूल्यवान होकर हम सशक्त बनते हैं और ईश्वर के नजदीक आ जाते हैं। ईश्वरीय साथ हमें सद्मार्ग पर लेकर बढ़ता रहता है।  इस प्रकार एक बार फिर से भारत को स्वर्णिम बनाया जा सकता है।
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया में जी एम् , जी पी सिंह ने कहा की  हम सभी अपने जीवन से एक दुर्गुण समाप्त करके उसको एक सद्गुण से भरें तो संसार स्वर्णिम बनेगा।
  
ग्वालियर से पधारे पुनीत रिचारिया ने कहा की मैं यहां प्रबंधन सीखने आया हूँ।  होटल व्यवसाय में काफी तनाव है , मगर यहां सभी कुछ उत्तम रीति चल रहा है , कैसे ? यही तरकीब जानना है।  हमारे यहाँ जब २ या ४ गेस्ट आ जाते हैं तो उनको संतुष्ट करने में ही हम घबरा जाते हैं।  मगर यहां २५ -३० हज़ार लोगों की संभाल कैसे हो रही है शांति पूर्वक? 

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LIVE : Meri Sanskriti Meri Pahchaan I Cultural Pro I SAT Wing I Gyan Sarovar I Mt. Abu I 30th July 2023

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केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री श्रीपाद येसो नाईक ने किया संबोंधित

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हम वीर शिवाजी और महाराणा प्रताप चाहते हैं लेकिन पड़ोसी के घर में: केंद्रीय राज्यमंत्री नाईक
– नाईक बोले- विदेशी टूरिस्टों के साथ हम सभी संस्कारित और मूल्यनिष्ठ व्यवहार करें ताकि वह भारत की अच्छी छवि लेकर जाएं
– ब्रह्माकुमारी संस्था के शिपिंग, एविएशन, टूरिज्म विंग का तीन दिवसीय सम्मेलन मनमोहिनीवन में जारी
– दया एवं करुणा द्वारा आध्यात्मिक सशक्तिकरण विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन जारी
01  अगस्त, आबू रोड (निप्र)।

ब्रह्माकुमारीज के मनमोहिनीवन, ग्लोबल ऑडिटोरियम में चल रहे शिपिंग एविएशन टूरिज्म विंग के राष्ट्रीय सम्मेलन में दूसरे दिन केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री श्रीपाद येसो नाईक ने शिरकत की। सोमवार को सम्मेलन में संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि परमात्मा को याद करके, योगी बनके जीवन को अंतिम मार्ग, मोक्ष मार्ग पर ले जाने का कार्य ब्रह्माकुमारी संस्था कर रही है। यहां से दुनिया को एक नया मार्ग दिखाया जा रहा है। संस्था के ब्रह्माकुमार भाई-बहनें समाज में जाकर दुर्व्यसन दूर करने का कार्य कर रहे हैं। आज हमारी कथनी और करनी में अंतर है, इसलिए जो संस्कार हमारी नई पीढ़ी में, बच्चों में आना चाहिए वह नहीं आ रहे हैं। क्योंकि हम उन्हें संस्कार तो देना चाहते हैं लेकिन वैसा व्यवहार हम खुद नहीं करते हैं। एक अच्छे समाज और संस्कारों के निर्माण का काम ब्रह्माकुमारीज द्वारा किया जा रहा है। यहां से परिवर्तन का कार्य किया जा रहा है। भारत एक धार्मिक देश के रूप में भी प्रसिद्ध है। यहां अनेक साधु-संत, महात्मा हुए। 75 साल में जितना विकास होना चाहिए, उतना अभी हुआ नहीं है। हम चाहते हैं कि वीर शिवाजी महाराज और महाराणा प्रताप जी जैसे योद्धाओं, महापुरुषों का जन्म होना चाहिए लेकिन मेरे घर में नहीं, पड़ोसी के घर में होना चाहिए। इस मानसिकता से बाहर निकलना होगा। सम्मेलन का आयोजन दया एवं करुणा द्वारा आध्यात्मिक सशक्तिकरण विषय पर किया जा रहा है।

ताकि लोग भारत की अच्छी छवि लेकर जाएं…
राज्यमंत्री नाईक ने कहा कि सम्पूर्ण विश्व में भारत अपनी सभ्यता और संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। इसी से प्रभावित होकर दुनियाभर से लाखों लोग हर वर्ष यहां की संस्कृति देखने और जानने के लिए आते हैं। इसलिए टूरिज्म मंत्रालय का प्रयास है कि जो भी टूरिस्ट विदेश से आते हैं तो वह यहां की अच्छी छवि लेकर जाएं। इसके लिए हम सभी को उनके साथ अच्छा व्यवहार करना होगा। उन्हें अच्छी सेवा देना होगी। भारत के जो संस्कार हैं, मूल्य हैं, वैसा व्यवहार करना होगा। हमारे यहां सभी धर्म के लोग आपस में शांति, प्रेम से रहते हैं, यही हमारे देश की विशेषता है। अनेकता में एकता ही हमारी संस्कृति रही है। हमारा देश विश्वगुरु था। लेकिन कई कारणों से हम परतंत्र हो गए। भारत की संस्कृति को फिर से स्थापित करने का कार्य ब्रह्माकुमारीज संस्था कर रही है।
स्वयं पर स्वयं दया और कृपा करें-
शिविंग, एविएशन एवं टूरिज्म विंग की अध्यक्षा डॉ. बीके निर्मला ने कहा कि दुनिया में सभी चाहते हैं कि हमारे संपर्क में जो भी आएं वह हमें दया और करुणा से देखें। सभी चाहते हैं कि हमारी अच्छी तंदुरुस्ती हो, धन हो, सब राजी रहें। हमें सबसे पहले अपने ऊपर दया करनी है। स्वयं को स्वयं पर दया और कृपा करनी है। हेल्थ के लिए जैसे एक्सरसाइज जरूरी है, वैसे ही आंतरिक खुशी के लिए मेडिटेशन बहुत जरूरी है। जीवन में कमाना है तो दुआओं का धन कमाएं। संस्थान के कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय ने कहा कि सदा सत्य बोलें, स्पष्ट बोलें, सच्चाई के साथ बोलें। भारत में ही भगवान आते हैं। भारत में सभी नदियों के नाम माताओं, मातृशक्ति के नाम पर हैं।
विंग द्वारा चलाया जा रहा है मेरा देश-मेरी शान प्रोजेक्ट-
विंग की उपाध्यक्ष  बीके मीरा ने कहा कि हमारे भारत देश की संस्कृति बहुत उच्च है। यहां के लोग बहुत दयालु, सौम्य और सेवाभावी हैं। यहां सभी त्योहार लोग मिलजुलकर मनाते हैं। भारत की संस्कृति अतिथि देवो भव: की है। हमारी संस्कृति है अहिंसा और वसुधैव कुटुम्बकम वाली महान संस्कृति रही है। आज भले इसमें परिवर्तन आ गया है लेकिन अब फिर से परमात्मा पुन: दैवी संस्कृति की स्थापना कर रहे हैं। यह हमारे लिए गौरव का विषय है कि हमने भारत देश में जन्म लिया है। विंग की राष्ट्रीय संयोजिका बीके कमलेश ने कहा कि परमात्मा कहते हैं तेरा सो तेरा मेरा भी तेरा। लेकिन आज हमारी संस्कृति बदल गयी है। भारत देश भूमि थी। देवता अर्थात देने वाला। भारत ने हमेशा दूसरे देशों को दिया है। विंग द्वारा मेरा देश-मेरी शान प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है। इसका मकसद है भारतीय संस्कृति की प्राचीन परंपरा से लोगों को अवगत कराना है।
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LIVE 31-07-2022, 10.00am : Sat wing Conference 2022

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Journey towards  KINDNESS & COMPASSION

 INAUGURAL SESSION I  LIVE 30-07-2022, 06.00pm: Sat wing Conference 2022


LIVE 30-07-2022, 06.00pm: Sat wing Conference 2022

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