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केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री श्रीपाद येसो नाईक ने किया संबोंधित

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हम वीर शिवाजी और महाराणा प्रताप चाहते हैं लेकिन पड़ोसी के घर में: केंद्रीय राज्यमंत्री नाईक
– नाईक बोले- विदेशी टूरिस्टों के साथ हम सभी संस्कारित और मूल्यनिष्ठ व्यवहार करें ताकि वह भारत की अच्छी छवि लेकर जाएं
– ब्रह्माकुमारी संस्था के शिपिंग, एविएशन, टूरिज्म विंग का तीन दिवसीय सम्मेलन मनमोहिनीवन में जारी
– दया एवं करुणा द्वारा आध्यात्मिक सशक्तिकरण विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन जारी
01  अगस्त, आबू रोड (निप्र)।

ब्रह्माकुमारीज के मनमोहिनीवन, ग्लोबल ऑडिटोरियम में चल रहे शिपिंग एविएशन टूरिज्म विंग के राष्ट्रीय सम्मेलन में दूसरे दिन केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री श्रीपाद येसो नाईक ने शिरकत की। सोमवार को सम्मेलन में संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि परमात्मा को याद करके, योगी बनके जीवन को अंतिम मार्ग, मोक्ष मार्ग पर ले जाने का कार्य ब्रह्माकुमारी संस्था कर रही है। यहां से दुनिया को एक नया मार्ग दिखाया जा रहा है। संस्था के ब्रह्माकुमार भाई-बहनें समाज में जाकर दुर्व्यसन दूर करने का कार्य कर रहे हैं। आज हमारी कथनी और करनी में अंतर है, इसलिए जो संस्कार हमारी नई पीढ़ी में, बच्चों में आना चाहिए वह नहीं आ रहे हैं। क्योंकि हम उन्हें संस्कार तो देना चाहते हैं लेकिन वैसा व्यवहार हम खुद नहीं करते हैं। एक अच्छे समाज और संस्कारों के निर्माण का काम ब्रह्माकुमारीज द्वारा किया जा रहा है। यहां से परिवर्तन का कार्य किया जा रहा है। भारत एक धार्मिक देश के रूप में भी प्रसिद्ध है। यहां अनेक साधु-संत, महात्मा हुए। 75 साल में जितना विकास होना चाहिए, उतना अभी हुआ नहीं है। हम चाहते हैं कि वीर शिवाजी महाराज और महाराणा प्रताप जी जैसे योद्धाओं, महापुरुषों का जन्म होना चाहिए लेकिन मेरे घर में नहीं, पड़ोसी के घर में होना चाहिए। इस मानसिकता से बाहर निकलना होगा। सम्मेलन का आयोजन दया एवं करुणा द्वारा आध्यात्मिक सशक्तिकरण विषय पर किया जा रहा है।

ताकि लोग भारत की अच्छी छवि लेकर जाएं…
राज्यमंत्री नाईक ने कहा कि सम्पूर्ण विश्व में भारत अपनी सभ्यता और संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। इसी से प्रभावित होकर दुनियाभर से लाखों लोग हर वर्ष यहां की संस्कृति देखने और जानने के लिए आते हैं। इसलिए टूरिज्म मंत्रालय का प्रयास है कि जो भी टूरिस्ट विदेश से आते हैं तो वह यहां की अच्छी छवि लेकर जाएं। इसके लिए हम सभी को उनके साथ अच्छा व्यवहार करना होगा। उन्हें अच्छी सेवा देना होगी। भारत के जो संस्कार हैं, मूल्य हैं, वैसा व्यवहार करना होगा। हमारे यहां सभी धर्म के लोग आपस में शांति, प्रेम से रहते हैं, यही हमारे देश की विशेषता है। अनेकता में एकता ही हमारी संस्कृति रही है। हमारा देश विश्वगुरु था। लेकिन कई कारणों से हम परतंत्र हो गए। भारत की संस्कृति को फिर से स्थापित करने का कार्य ब्रह्माकुमारीज संस्था कर रही है।
स्वयं पर स्वयं दया और कृपा करें-
शिविंग, एविएशन एवं टूरिज्म विंग की अध्यक्षा डॉ. बीके निर्मला ने कहा कि दुनिया में सभी चाहते हैं कि हमारे संपर्क में जो भी आएं वह हमें दया और करुणा से देखें। सभी चाहते हैं कि हमारी अच्छी तंदुरुस्ती हो, धन हो, सब राजी रहें। हमें सबसे पहले अपने ऊपर दया करनी है। स्वयं को स्वयं पर दया और कृपा करनी है। हेल्थ के लिए जैसे एक्सरसाइज जरूरी है, वैसे ही आंतरिक खुशी के लिए मेडिटेशन बहुत जरूरी है। जीवन में कमाना है तो दुआओं का धन कमाएं। संस्थान के कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय ने कहा कि सदा सत्य बोलें, स्पष्ट बोलें, सच्चाई के साथ बोलें। भारत में ही भगवान आते हैं। भारत में सभी नदियों के नाम माताओं, मातृशक्ति के नाम पर हैं।
विंग द्वारा चलाया जा रहा है मेरा देश-मेरी शान प्रोजेक्ट-
विंग की उपाध्यक्ष  बीके मीरा ने कहा कि हमारे भारत देश की संस्कृति बहुत उच्च है। यहां के लोग बहुत दयालु, सौम्य और सेवाभावी हैं। यहां सभी त्योहार लोग मिलजुलकर मनाते हैं। भारत की संस्कृति अतिथि देवो भव: की है। हमारी संस्कृति है अहिंसा और वसुधैव कुटुम्बकम वाली महान संस्कृति रही है। आज भले इसमें परिवर्तन आ गया है लेकिन अब फिर से परमात्मा पुन: दैवी संस्कृति की स्थापना कर रहे हैं। यह हमारे लिए गौरव का विषय है कि हमने भारत देश में जन्म लिया है। विंग की राष्ट्रीय संयोजिका बीके कमलेश ने कहा कि परमात्मा कहते हैं तेरा सो तेरा मेरा भी तेरा। लेकिन आज हमारी संस्कृति बदल गयी है। भारत देश भूमि थी। देवता अर्थात देने वाला। भारत ने हमेशा दूसरे देशों को दिया है। विंग द्वारा मेरा देश-मेरी शान प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है। इसका मकसद है भारतीय संस्कृति की प्राचीन परंपरा से लोगों को अवगत कराना है।

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SAT Wing Meeting with Hon’ble President of India

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37 members from the Shipping, Aviation and Tourism (SAT) Wing of the Brahma Kumaris had the divine opportunity to meet HE Droupadi Murmu jiHon’ble President of India at Rashtrapati Bhawan, New Delhi.
Delegates from across India participated in this significant occasion, presenting the various nationwide service activities, spiritual empowerment projects undertaken by the SAT Wing for societal upliftment.

The team was gracefully led by Rajyogini BK Meera Didi, Chairperson, along with Rajyogini BK Kamlesh Didi, National Co-ordinator and Rajyogi B.K. Santosh Bhai, H.Q. Co-ordinator. Rajyogini BK Muthumani Didi represented the Tamil Nadu SAT Wing as Zonal Co-ordinator.

BK.Meera Didi shared the theme of the year “Meri Sanskruti, Meri Pahchan”, mentioning that ancient Bharat has a rich tradition, culture and heritage.

The Hon’ble President appreciated the spiritual values, technological applications, and tireless service spirit of the Brahma Kumaris. She was overwhelmed by the love and sakash that the BK family is offering to her. She assured that she would be available to co-operate with the BKs in achieving their mission.

The meeting was filled with vibrations of respect, inspiration, love and commitment to further expand value-based services for a better Bharat.

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“मेरी संस्कृति, मेरी पहचान” अभियान का श्रीनगर उत्तराखंड से हुआ शुभारम्भ

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“मेरी संस्कृति, मेरी पहचान” अभियान का श्रीनगर उत्तराखंड से हुआ शुभारम्भ
उत्तराखंड राज्य  के रजत जयंती का समारोह मनाया गया
10 दिन तक चलेगा अभियान उत्तरकाशी में होगा भव्य समापन समारोह
श्रीनगर (उत्तराखंड)–  ब्रह्माकुमारीज़ के शिपिंग एविएशन टूरिज्म विंग एवं ब्रह्माकुमारीज़ श्रीनगर गढ़वाल सेवा केंद्र के द्वारा उत्तराखंड राज्य स्थापना के रजत जयंती समारोह के उपलक्ष में ब्रह्माकुमारीज के श्रीनगर गढ़वाल सेवा केंद्र से “मेरी संस्कृति मेरी पहचान” अभियान की शुरुआत हुई ।
ब्रह्माकुमारीज के क्षेत्रीय निदेशक एवं सीनियर नेशनल कोऑर्डिनेटर स्पोर्ट्स विंग ब्रह्माकुमार राजयोगी भ्राता मेंहरचंद जी ने कहा कि अतीत में पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति का प्रभाव था।  भारत अध्यात्म और विज्ञान का केंद्र था किंतु पराधीन कल में भारतीय संस्कृति को नष्ट करने के बहुत से प्रयास हुए। किंतु आज भी भारतीय संस्कृति अपने मूल्यों को बनाए हुए हैं। आज ब्रह्माकुमारीज अनेकों कार्यक्रमों और राजयोग शिविरों के द्वारा विश्व के 140 देश में गीता में वर्णित राजयोग ध्यान के द्वारा भारतीय संस्कृति का गौरव बढ़ा रही है।
उन्होंने कहा कि यह अभियान आज श्रीनगर से शुरू होकर रुद्रप्रयाग, गुप्तकाशी, कर्णप्रयाग, ज्योर्तिमठ, गोपेश्वर, नई टिहरी, चंबा, चिन्यालीसौड़ आदि स्थानों से होकर 19 नवंबर को इसका भव्य समापन उत्तरकाशी में होगा।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता दिल्ली से पधारे जोनल कोऑर्डिनेटर साइंटिस्ट एवं इंजीनियरिंग विंग ब्रह्माकुमार पीयूष भाई जी ने कहा कि उत्तराखंड कई प्राचीन मठ मंदिरों, पवित्र नदियों और ऋषि मुनियों की तपस्या का स्थान है। अतीत में जगतगुरु शंकराचार्य, महात्मा गांधी, कालिदास, स्वामी विवेकानंद स्वामी रामतीर्थ स्वामी शिवानंद जैसे अनेकों तपस्वियों ने उत्तराखंड में रहकर आध्यात्मिक प्रेरणायें लेकर भारत की संस्कृति का परचम पूरे विश्व तक पहुंच गया । और अब ब्रह्माकुमारीज भी तपस्वियों और वीरों की भूमि उत्तराखण्ड से विश्व को यह संदेश देना चाहती है कि सम्पूर्ण भारत पुनः देवभूमि बनने जा रहा जिसका कार्य गुप्त रूप से बाबा केदारनाथ स्वयं पिछले 90 वर्षों से कर रहे हैं
इस कार्यक्रम में गढ़वाल विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी डॉक्टर संजय ध्यानी जी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे साथ ही एडवोकेट विवेक जोशी ऑनर मोपिया रिजॉर्ट श्रीनगर एवं श्री अप्पल रतूड़ी अध्यक्ष होटल एसोसिएशन श्रीनगर भी कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में पहुंचे.
इस कार्यक्रम में अंबाला से पधारे ब्रह्माकुमारी शैली बहन जी ने संस्था का और खास पर्यटन विभाग का परिचय देते हुए सुनाया की ब्रह्माकुमारी संस्था विगत 90 वर्षों से समाज में मूल्य की पुनर्स्थापना के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि अभियान का उद्देश्य उत्तराखंड को धार्मिक-आध्यात्मिक पर्यटन के क्षेत्र में विश्व में अग्रणी राज्य बनाने का प्रयास करना है I
कार्यक्रम में गढ़वाल विश्वविद्यालय के एन एस एस के छात्र-छात्राओं द्वारा गढ़वाली, जौनसारी एवं कुमाऊनी परिधान में उत्तराखंड के परंपराओं एवं सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर प्रोफेसर जे.के तिवारी, प्रोफेसर राकेश नेगी भोपाल चौधरी कमला गोयल उमा जोशी आदि मौजूद रहे
इस अभियान की श्रृंखला में अनेक अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किए गए
गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर में उत्तराखंड राज्य के रजत जयंती स्थापना वर्ष समारोह में ब्रह्माकुमारीज के राजयोगी भाई बहनों को आमंत्रित किया गया। इस समारोह में विशेष दिल्ली से पधारे ब्रह्माकुमार पीयूष भाई जी ने स्थापना दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उत्तराखंड 25 वर्ष पूरा कर युवा राज्य बन चुका है, भारत को विश्वगुरु बनाने में युवा उत्तराखंड के युवाओं की बहुत मुख्य भूमिका है। उन्होंने विशेष युवाओं को नशे से दूर रहने का आह्वान किया और सभी को राजयोग मेडिटेशन की अनुभूति भी करवायी.
रिवरसाइड होटल मलेथा टिहरी गढ़वाल में Service With Smile विषय पर होटल कर्मचारियों के लिए ब्रह्माकुमारीज के पर्यटन प्रभाग द्वारा उत्साहवर्धक ट्रेनिंग सत्र का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी ज्योति बहन जी ग्वालियर ने कहा कि मुस्कान के साथ सेवा करने से हमें सबकी दुआएं मिलती है।
सशस्त्र सीमा बल परीक्षण संस्थान श्रीनगर में STOP Worrying Start Enjoying विषय पर  आदरणीय राजयोगी ब्रह्माकुमार पीयूष भाई जी द्वारा व्याख्यान दिया
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SAT Wing Conference – 12th to 16th June 2025

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SAT Wing Conference – 12th to 16th June 2025

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